पूज्य बाबूजी द्वारा ब्र. निर्मल कुमार जी, दमोह को लिखा गया पत्र |
सम्यक् मार्ग की प्रेरणा - एक आत्मार्थी को .... |
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चर्चा चैतन्य की - भाग १ |
मुम्बई स्थित 'नीलांबर' में जनवरी 1999 में 22 दिवस तक तत्त्वचर्चा चली। प्रश्नकर्ता श्री पंकजभाई चर्चा एवं श्री महेन्द्रभाई सी.ए. थे। चर्चा को रिकार्ड कर सब-टाईटल के साथ यू-ट्यूब पर उपलब्ध कराया गया और आदरणीय अभयकुमारजी शास्त्री ने भाषा को व्यवस्थित किया। |
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कारण परमात्मा |
पूज्य बाबूजी की निजी डायरी |
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स्वपरप्रकाशक (डायरी १) |
पूज्य बाबूजी की निजी डायरी |
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स्वपरप्रकाशक (डायरी २) |
पूज्य बाबूजी की निजी डायरी |
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मंगलाचरण, बँध, भावश्रुतज्ञान, सम्यग्दर्शन - व्यवहार, निश्चय, संसार एवं कर्ताकर्म |
पूज्य बाबूजी की निजी डायरी |
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चैतन्य वाटिका |
पूज्य बाबूजी की काव्य/पद्य रचनाएँ |
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चैतन्य विहार |
पूज्य बाबूजी की गद्य रचनाएँ |
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दस लक्षण पर्व |
पूज्य बाबूजी का दस लक्षण पर्व पर चिंतन |
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पृथुल प्रतीक्षा थी ओ पावन! |
पूज्य बाबूजी द्वारा पूज्य गुरुदेव श्री के प्रथम बार कोटा पदार्पण पर रचित स्वागत-गान |
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वीर निर्वाण पर्व (महत्वपूर्ण चिन्तनीय तथ्य) |
वीर निर्वाण पर्व पर पूज्य बाबूजी का चिंतन |
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सर्वोदयी युगनेता |
पूज्य गुरुदेव श्री की हीरक जयंती पर अभिनंदन ग्रंथ में प्रकाशित पूज्य बाबूजी द्वारा साभार |
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ચૈતન્યની ચહલ પહલ |
પૂજ્ય બાબુજી દ્વારા રચિત સાહિત્ય નિધિ (ગુજરાતી) |
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स्वर्णपुरी क्षितिज पर स्वर्ण पुरुष का उदय |
पूज्य गुरुदेव श्री की १३३वीं जन्म जयंती पर समर्पित |
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चैतन्य की चहल पहल |
पूज्य बाबूजी द्वारा रचित साहित्य निधि (हिन्दी) |
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अंतर्मन की दिव्य साधना है ‘क्षमा’ |
क्षमावाणी पर्व विशेष पूज्य बाबूजी की विचार |
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जीवराजा |
श्री समयसार गाथा 17-18 पर पूज्य बाबूजी का चिंतन |
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तत्वचर्चा - मुमुक्षु भाई मुम्बई के साथ 06.04.2013 |
आ. बाबू 'युगल' जी तत्वचर्चा - मुमुक्षु भाई मुम्बई के साथ 06.04.2013 |
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नीलांबर 'युगल' - पूर्वार्द्ध |
मुम्बई स्थित 'नीलांबर' में जनवरी 1999 में 22 दिवस तक तत्त्वचर्चा चली। प्रश्नकर्ता श्री पंकजभाई ज़वेरी एवं श्री महेन्द्रभाई सी.ए. थे। चर्चा को रिकार्ड कर सब-टाईटल के साथ यू-ट्यूब पर उपलब्ध कराया गया जिसका अक्षरशः प्रकाशन (चर्चा नंबर 1-11) इस पुस्तक में है। |
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नीलांबर 'युगल' - उत्तरार्द्ध |
मुम्बई स्थित 'नीलांबर' में जनवरी 1999 में 22 दिवस तक तत्त्वचर्चा चली। प्रश्नकर्ता श्री पंकजभाई ज़वेरी एवं श्री महेन्द्रभाई सी.ए. थे। चर्चा को रिकार्ड कर सब-टाईटल के साथ यू-ट्यूब पर उपलब्ध कराया गया जिसका अक्षरशः प्रकाशन (चर्चा नंबर 12-22) इस पुस्तक में है। |
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आत्म-सम्बोधन |
१५/११/१९९६ से ३०/११/१९९६ तक कोलकाता शिविर के दौरान पूज्य भाईश्री लालचंदभाई मोदी राजकोट एवं पूज्य बाबू युगलजी द्वारा श्री चंदुभाई मेघाणी की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पाबेन को बीमारी के समय अस्पताल में अंतिम संबोधन के रूप में हुई तत्त्वचर्चा |
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मार्मिक तत्वचर्चा - 1 |
आ. बाबू 'युगल' जी - आ. चेतन भाई, राजकोट _ Babu Yugal Ji - Chetan Bhai, Rajkot |
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मार्मिक तत्वचर्चा - 2 |
आ. बाबू 'युगल' जी - आ. चेतन भाई, राजकोट _ Babu Yugal Ji - Chetan Bhai, Rajkot |
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चैतन्य की सुरभित पाँखुरियाँ |
पूज्य बाबूजी के रोचक प्रवाचनांश का संकलन |
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चैतन्य विहार |
पूज्य बाबूजी द्वारा लिखित सैद्धांतिक लेखों का अनूठा संकलन जिसमें जैन दर्शन के सूक्ष्म रहस्यों का उद्घाटन किया गया |
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जैन क्षितिज के उदित नक्षत्र |
पूज्य बाबूजी ने लोकोत्तर पुरुषों जैसे कि भगवान महावीर, पं बनरसीदासजी, पूज्य गुरुदेव श्री आदि की उपलब्धियों को अपनी स्वर्ण कलम से श्रद्धा व भक्ति के पुष्पों में भरकर लेखांजली में समर्पित किया है |
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चर्चा चैतन्य की - भाग २ |
मुम्बई स्थित 'नीलांबर' में जनवरी 1999 में 22 दिवस तक तत्त्वचर्चा चली। प्रश्नकर्ता श्री पंकजभाई चर्चा एवं श्री महेन्द्रभाई सी.ए. थे। चर्चा को रिकार्ड कर सब-टाईटल के साथ यू-ट्यूब पर उपलब्ध कराया गया और आदरणीय अभयकुमारजी शास्त्री ने भाषा को व्यवस्थित किया। |
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The Vibrant Rhythm of Chaitanya |
चैतन्य की चहल-पहल पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद |
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